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पशु के पेट के कीड़ों का इलाज | Treatment Of Stomach Worms In Animals

By Ishwar Singh

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पशु के पेट के कीड़ों का इलाज

नमस्कार पशुपालक साथियों आज की इस पोस्ट में आप सभी का स्वागत है | आज की इस पोस्ट में हम आपको पशु के पेट के कीड़ों का इलाज ( Treatment Of Stomach Worms In Animals ) बताएँगे |

देखिये पशुओं के पेट में कीड़े एक बहुत बड़ी समस्या है। अगर पशुपालक अपने पशुओं को हर तीन महीने पर पेट के कीड़ें की दवा स्टारवर्म प्लस बोलस ( Starworm Plus ) दें तो पशुपालक के लिए पशुपालन और भी मुनाफे का सौदा होगा। “अगर पशु के पेट में कीड़ें है तो उसको जो खिलाया जाता है उसका 30 से 40 प्रतिशत हिस्सा कीड़ें खा जाते है। पशु स्वस्थ्य तभी होता है जब उसका पेट सही होता है पशु जो भी खाये वो पूरा का पूरा उसके शरीर में लगे।”

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छोटे और बड़े पशुओं में अंत: परजीवी (अंदरूनी कीड़े) काफी नुकसान पहुंचाते हैं| अंदरूनी कीड़े जैसे फीता कृमि, गोलकृमि, परंकृमि आदि कीड़ें पशु के पेट में रह कर उस का आहार व खून पीते हैं, जिससे पशु कमज़ोर हो जाता है और बहुत सी बीमारियों का शिकार हो जाता है| इसके अलावा दुधारू पशुओं में दूध उत्पादन क्षमता में कमी हो जाती है|

पशु के पेट के कीड़ों का इलाज

Treatment Of Stomach Worms In Animals | पशु के पेट के कीड़ों का इलाज

  • नवजात बच्चों को पेट के कीड़ें की डोस देने के बारे में डॉ बताते हैं, “ज्यादातर पशुपालक लापरवाही के चलते दवा नहीं देते है, जिससे आगे पशुपालक को आर्थिक नुकसान होता है। इसलिएजब बच्चा पैदा होता है तो उसके 15 दिन के बाद पेट के कीड़ें की दवा देनी चाहिए। दूसरी डोस 15 दिन के बाद बच्चे को देनी चाहिए। यानि हर महीने 15-15 दिन के अंतराल में पशुओं को दो बार कीड़ें मारने की दवा देनी है। अगर बच्चों को पेट के कीड़ें के लिए सिरप देते है तो काफी अच्छा होता है।
  • “पेट के कीड़ें की दवा के लिए पशुपालकों ध्यान देवे की”पशु के पेट में कीड़ें है तो जितना दूध दुधारू पशु से मिलना चाहिए उस अनुपात से नहीं मिल पाता है क्योंकि जो पशु को खिलाया जाता है उसका आधा हिस्सा कीड़ें खा जाते है, जिससे पशुओं में दूध की क्षमता लगातार घटती जाती है। इन कीड़ों से पशुओं में बांझपन की भी समस्या आती है क्योंकि जिन पशुओं में कीड़ें होते है उनका कम गर्भ ठहरता है या गिर जाता है।”
  • नवजात बच्चों में पेट मे कीड़ें होने से एक वर्ष में आठ प्रतिशत नवजातों की मृत्यु हो जाती है। इस मृत्युदर को कम करने के लिए सरकार द्धारा भी अभियान चलाया रहा है। बच्चों में पेट के कीड़ें की दवा #स्टारवर्म प्लस के फायदे – #स्टारवर्म प्लस देने से बच्चे का शारीरिक विकास होता है। इसके साथ वजन बढ़ता है उनमें चमक रहती है और पशु समय से हीट पर आता है, जिससे वह सही समय पर ग्याभिन होता है।”
  • पेट में कीड़ों की संख्या जब ज्यादा होती है तो उनका पेट डोलक जैसा हो जाता है। अगर उस समय भी पशुओं को दवा नहीं दी गई तो उस पशु की मौत हो जाती है। ज्यादातर पशुपालक जब पशु की स्थिति खराब हो जाती है तभी अस्पताल लेकर आते है। ऐसा बिल्कुल न करें। पेट के कीड़ें की दवा #स्टारवर्म प्लस ही इसका सही उपचार है। अगर नियमित रूप से बच्चों को पेट के कीड़ें की दवा #स्टारवर्म प्लस ( Starworm Plus ) दी है तो बच्चे ने मां का दूध पीया है तो वो बछिया 9 से 10 महीने में ग्याभिन हो जाती है।”पेट के सभी प्रकार के कीड़ों को खत्म करने के लिए #एकम बायोटेक कंपनी की #स्टारवर्म प्लस दवा अवश्य दें।

पशु में पेट के कीड़ों के लक्षण क्या है ?

  1. आंखों में पानी व गीढ़ आना।
  2. भूख ज्यादा लगना दूध कम देना।
  3. पतला व बदबूदार गोबर करना।
  4. खुश्क व खुरदुरी चमड़ी होना।
  5. पशु में लगातार कमजोरी आना।
  6. पशु का कपड़े, मिट्टी, बाल खाना व पेशाब पीना।
  7. छोटे पशुओ का पेट मटके जैसा होना।
  8. पशु का समय पर गाभिन न होना।

पशु में पेट के कीड़े होने का कारण क्या है ?

  1. गंदा पानी पीने से।
  2. मिट्टी वाला चारा खाने से।
  3. मिट्टी वाली तूड़ी खाने से।
  4. पशुओं में सफाई की कमी से।
स्टारवर्म प्लस का इस्तेमाल कैसे करें ?
  • हर तीन महीने पर पशुओं को पेट के कीड़ें मारने की दवा #स्टारवर्म प्लस बोलस और लिक्विड अवश्य दें।
  • #स्टारवर्म प्लस बोलस ग्याभिन पशुओं को भी दे सकते है।
  • स्टारवर्म प्लस बोलस ( Starworm Plus ) सभी तरह के कीड़ों को मारती हैं गोल कीड़े,चपटे कीड़े व जिगर के कीड़े।
  • स्टारवर्म प्लस बोलस कीड़ों के साथ साथ उनके अंडे भी बाहर निकालता है ताकि कीड़ों का जड़ से सफाया हो जाए।
  • स्टारवर्म प्लस बोलस गंध व स्वाद रहित होने कारण पशु इसे आसानी से खा लेता है।
  • विधि:-सबसे पहले पशु को 100 ग्राम गुड़ खिलाएं। उसके बाद बडे पशु को #स्टारवर्म प्लस बोलस दे और छोटे पशु को 1एम एल 4-5 किलो वजन पर दवाई दे।
  • स्टारवर्म प्लस बोलस से एक या दो दिन हल्का (दस्त)पतला गोबर करेगा।दो दिन बाद पेट साफ होने के बाद पशु का गोबर अपने आप सही हो जाऐगा।

नोट :- 1. पेट के कीड़ों के बचाव के लिए पशु को हर 3 महीने बाद बड़े पशु में #स्टारवर्म प्लस बोलस देनी चाहिए |
2. छोटे पशुओ को #स्टारवर्म प्लस लिक्विड 30 एम एल मे आती हे वो दे |

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अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें:-
☎ 95414-01616
☎ 78761-01616

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पशुपालक साथियों उम्मीद करते हैं आपको आज की ये पशु के पेट के कीड़ों का इलाज ( Treatment Of Stomach Worms In Animals ) की जानकारी पसंद आयी होगी | अगर आपको आज की ये पशु के पेट के कीड़ों का इलाज ( Treatment Of Stomach Worms In Animals ) की जानकारी पसंद आयी तो आप इस जानकारी को ज़्यादा से ज़्यादा पशुपालक साथियों के साथ शेयर करें |

Ishwar Singh

खेती-किसानी से जुड़े हर पहलू को समझने और समझाने का जज़्बा लिए, ईश्वर सिंह ने "किसान की आवाज़" प्लेटफॉर्म को जन्म दिया। यहां आपको कृषि, पशुपालन, किसानों की समस्याओं और समाधानों, साथ ही कृषि से जुड़ी ताज़ा खबरों का खज़ाना मिलेगा।

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