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कर्नाटक के किसान ने आम की खेती करके कमाए लाखों रुपये | सिर्फ 2 महीने में बेच दिए 1800 किलो आम

By Ishwar Singh

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आम की खेती

आप सभी किसान साथियों का आज की इस पोस्ट में स्वागत है | दोस्तों आम की खेती ( Aam ki kheti ) करके कर्नाटक के किसान ने लाखों रुपये कमाए हैं | देखिये कर्नाटक के रायचूर के गुडीपाडू अंजनेया नामक किसान ने ऑनलाइन 2 महीने में 1800 किलो आम बेच डाले हैं | अंजनेया ने ग्राहकों को आम की जो किस्‍में बेची हैं उनमें बंगनापल्ली, मल्लिका और केसरी आम प्रमुख हैं | ग्राहकों को बेचने के अलावा रायचूर के इस किसान ने इसे अन्य जगहों पर भी बिक्री के लिए रखकर इसका दायरा बढ़ाया है |

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देखिये किसान साथियों ऑनलाइन बिजनेस आज के समय में सफलता की नई गारंटी बन गया है | अगर आपको हमारी बात पर यकीन नहीं आता है तो हम आपको कर्नाटक के एक ऐसे किसान के बारे में बताते हैं जिसने ऑनलाइन आम बेचकर जबरदस्‍त मुनाफा कमाया है | दोस्तों इस किसान का नाम है अंजनेया जिसने सिर्फ दो महीने में 1800 किलो आम बेच डाले हैं | अंजनेया इस समय न सिर्फ राज्‍य बल्कि दूर-दराज जगहों में भी बाकी किसानों के बीच चर्चा का विषय बने हुए हैं | देखिये हर कोई जानना चाहता है क‍ि आखिर उन्‍होंने कैसे इसे अंजाम दिया होगा |

आम की खेती

आम की खेती ( Aam Ki Kheti ) में कौनसी किस्मे हैं ?

किसान साथियों अंजनेया ने ग्राहकों को आम की जो किस्‍में बेची हैं उनमें बंगनापल्ली, मल्लिका और केसरी आम काफी प्रमुख हैं | ग्राहकों को बेचने के अलावा रायचूर के इस किसान ने इसे अन्य जगहों पर भी बिक्री के लिए रखकर इसका दायरा बढ़ाया है | अंजनेया ने बेंगलुरु के जयनगर स्थित एमईएस ग्राउंड, व्हाइटफील्ड और लाल बाग में लगे मैंगो फेयर में हिस्‍सा लिया है |

दोस्तों अंजनेया अब केवल कर्नाटक तक ही सीमित नहीं हैं, उन्होंने अपने काम को दूसरे राज्यों में भी फैलाया है | अपने व्यवसाय की बढ़ती लोकप्रियता के साथ, अंजनेया का लक्ष्य विदेशों के साथ भी व्यापारिक संबंध बनाना है | इस ऑनलाइन व्यवसाय में जबरदस्त वृद्धि ने रायचूर के अन्य लोगों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित किया है |

किसान को मिल रही है ऑनलाइन मदद

देखिये किसान साथियों वेबसाइट न्‍यूज 18 ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि कर्नाटक के रायचूर के गुडीपाडू अंजनेया नामक किसान ने ऑनलाइन 2 महीने में 1800 किलो आम बेच डाले हैं | आम की खेती ( Aam Ki Kheti ) शुरू करने से पहले अंजनेया ने डिप्लोमा की पढ़ाई पूरी की और कर्नाटक के बेंगलुरु में एक निजी कंपनी में सात साल तक काम किया | एक प्राइवेट कंपनी में काफी समय तक काम करने और अच्‍छी-खासी कमाई करने के बाद अंजनेया ने खुद को बागवानी यानी फल, सब्जियां, फूल या सजावटी पौधे उगाने की कला में व्‍यस्‍त कर लिया | अब वह एक ऑनलाइन पोर्टल के जरिए आम बेच रहे हैं |

किसान ने की कड़ी मेहनत

दोस्तों अंजनेया को अपने इस काम में आगे बढ़ने के लिए कड़ी मेहनत भी करनी पड़ी | उन्हें नऑनलाइन ग्राहकों के बारे में मालूम करना पड़ा और इसके बाद आम के लिए उपभोक्‍ता भी तलाशने पड़े | इसके बाद उनके सामने सबसे बड़ी मुसीबत थी कि वह उपभोक्ता की मांग के अनुसार आमों को उनके दरवाजे तक कैसे पहुंचाएं | इसके लिए उन्‍होंने कई तरीकों को तलाशा और उन्‍हें अपनाया | आम बेचने से पहले, अंजनेया मौसंबी और नींबू बेचने का काम करते थे और इन्‍हें भी वह ऑनलाइन ही बेचते थे |

इनको मिली राज्य सरकार की मदद

उनके पोर्टल को कर्नाटक राज्य आम विकास और विपणन निगम लिमिटेड (KSMDMCL) ने इंडिया पोस्ट के सहयोग से लॉन्च किया गया था | इस वेबसाइट ने साल 2022 में फलों की विभिन्न किस्मों के लिए ऑर्डर लेना शुरू कर दिया | KSMDMCL के अधिकारियों के अनुसार, वेबसाइट को इंडिया पोस्ट के साथ साझेदारी में लॉन्च किया गया है | यह ग्राहकों को उनके पसंदीदा फल दरवाजे तक पहुंचाएगी | फलों की तस्वीरों और नामों के अलावा, वेबसाइट पर आम की सप्‍लाई करने वाले किसानों के नाम और उनके नंबर भी दिए गए हैं |

पशुओं का हरा चारा यहाँ उपलब्ध है :- Kisan Napier Farm

किसान साथियों ये थे आज का आम की खेती ( Aam ki kheti ) की जानकारी | उम्मीद करते हैं आपको आज की जानकारी पसंद आयी होगी | अगर आपको आज की ये जानकारी पसंद आयी तो आप इस जानकारी को ज़्यादा से ज़्यादा किसान साथियों के साथ फेसबुक ग्रुप्स और व्हाट्सप्प ग्रुप्स के माध्यम से शेयर करें | क्योंकि इसी तरह की जानकारी आपको हर रोज़ हमारी इस वेबसाइट पर देखने को मिलती रहेगी |

Ishwar Singh

खेती-किसानी से जुड़े हर पहलू को समझने और समझाने का जज़्बा लिए, ईश्वर सिंह ने "किसान की आवाज़" प्लेटफॉर्म को जन्म दिया। यहां आपको कृषि, पशुपालन, किसानों की समस्याओं और समाधानों, साथ ही कृषि से जुड़ी ताज़ा खबरों का खज़ाना मिलेगा।

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