कितने वजन के बाद होता है मुर्गा बीमार :- क्या रेट पर पड़ता है असर 

बाजार में मुर्गों की डिमांड सप्लाई बिगड़ने से मुर्गों पर असर पड़ेगा 

मुर्गों को दिन में 3-4 बार फीड दिया जाता है जिससे उनका वजन बढ़ता है 

अगर तय वजन पर मुर्गों को नहीं बेचा गया तो वे बीमार पड़ने लगते हैं 

पोल्ट्री फार्म और होलसेल मार्किट में चिकन के लिए मुर्गों के दाम वजन के आधार पर ही तय होते हैं 

चिकन फ्राई या अन्य डिश के लिए अलग अलग वजन के मुर्गे तैयार किये जाते हैं

बाजार में डिमांड बिगड़ने और रेट में उतार-चढ़ाव आने से मुर्गों की सप्लाई कम हो जाती है

साढ़े 3 किलो वजन के बाद मुर्गे को चलने -फिरने में परेशानी आती है और हार्ट अटैक से मर भी सकते हैं