आप सभी किसान साथियों का आज की इस पोस्ट में स्वागत है | क्या आप जानते हैं शिमला मिर्च की खेती ( Capsicum Farming ) करके किसान मोटी कमाई कर सकतें हैं | अगर आप नहीं जानते की शिमला मिर्च की खेती ( Capsicum Farming ) कैसे की जाती है तो इस पोस्ट में आपको इसकी पूरी जानकारी दी जायेगी |
दोस्तों शिमला मिर्च को बेल पेपर या स्वीट पेपर के नाम से भी जाना जाता है | देखिये इसकी खेती राज्य के विभिन्न जिलों में की जाती है | यह तीखी नहीं होती, इसलिए इसका इस्तेमाल ज्यादातर सब्जी और फास्ट फूड के रूप में किया जाता है | साथियों शिमला मिर्च खेती राज्य में लगभग हर मौसम में की जाती है और दूसरे राज्यों में भी इसकी आपूर्ति की जाती है |
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- हमारे देश में उगाई जाने वाली विभिन्न प्रकार की सब्जियों में टमाटर और शिमला मिर्च (कैप्सिकम एनुअम) का महत्वपूर्ण स्थान है | गुणवत्ता के नजारिए से शिमला मिर्च को सुरक्षात्मक खाद्य पदार्थ भी माना जाता है |
- शिमला मिर्च में कई औषधीय गुण भी होते हैं. शिमला मिर्च में विटामिन ए, विटामिन सी, पोटैशियम, कैल्शियम, आयरन और अन्य खनिज प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. इसमें एंटीऑक्सीडेंट, लाइकोपीन आदि भी पाए जाते हैं |
- शिमला मिर्च के फायदों को देखते हुए बाजार में इसकी कीमत हमेशा बनी रहती है | ऐसे में आप भी मोटी कमाई के लिए शिमला मिर्च खेती कर सकते हैं | अच्छी कमाई के लिए प्रो-ट्रेज में तैयार करें नर्सरी | क्या है इसका तरीका आइए जानते हैं |
- शिमला मिर्च को बेल पेपर या स्वीट पेपर के नाम से भी जाना जाता है | इसकी खेती राज्य के विभिन्न जिलों में की जाती है | यह तीखी नहीं होती, इसलिए इसका इस्तेमाल ज्यादातर सब्जी और फास्ट फूड के रूप में किया जाता है |
- शिमला मिर्च खेती राज्य में लगभग हर मौसम में की जाती है और दूसरे राज्यों में भी इसकी आपूर्ति की जाती है | राज्य में इसकी जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है, ताकि इसे दूसरे देशों में भी निर्यात किया जा सके |
Capsicum Farming शिमला मिर्च की खेती कैसे करें ?
देखिये आपको कैप्सिकम फार्मिंग करने के लिए काफी सारी बातों का ध्यान रखना होगा | इसकी पूरी जानकारी आपको निचे मिलेगी |
मिटटी और जलवायु
दिन का तापमान 22 से 28 डिग्री सेंटीग्रेड और रात का तापमान सामान्यतः 16 से 18 डिग्री सेंटीग्रेड होता है | अधिक तापमान के कारण फूल झड़ने लगते हैं | कम तापमान के कारण पराग की जीवन उपयोगिता कम हो जाती है | सामान्यतः शिमला मिर्च की संरक्षित खेती पॉली हाउस में कीट नाशक और छाया जाल लगाकर सफलतापूर्वक की जा सकती है | सामान्यतः शिमला मिर्च खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है, जिसमें कार्बनिक पदार्थ अधिक मात्रा में मौजूद हो और जल निकास अच्छा हो |
पौध कैसे तैयार करें ?
शिमला मिर्च के बीज महंगे होने के कारण इसकी पौध को प्रो-ट्रे में तैयार करना चाहिए | इसके लिए अच्छी तरह से उपचारित ट्रे का उपयोग करना चाहिए | ट्रे में वर्मीक्यूलाइट, परलाइट और कोकोपीट जैसे माध्यम का 1:1:2 की दर से मिश्रण तैयार करके ट्रे में माध्यम को अच्छी तरह से भर देना चाहिए और प्रत्येक सेल में एक बीज डालकर उसके ऊपर हल्का मिश्रण छिड़क देना चाहिए | फिर स्प्रिंकलर से हल्की सिंचाई कर देनी चाहिए. यदि आवश्यक हो तो मल्च का उपयोग भी किया जा सकता है | एक हेक्टेयर क्षेत्र में 200-250 ग्राम संकर और 750-800 ग्राम सामान्य किस्म के बीज की आवश्यकता होती है |
रोपाई करने का सही तरीका
शिमला मिर्च के पौधे 30 से 35 दिन में रोपाई के लिए तैयार हो जाते हैं | रोपाई के समय पौध की लंबाई लगभग 16 से 20 सेमी और 4-6 पत्तियां होनी चाहिए | रोपाई से पहले पौध को 0.2% कार्बेन्डाजिम में डुबोकर पहले से बने गड्ढे में रोप देना चाहिए | पौधों को अच्छी तरह से तैयार क्यारियों में रोपना चाहिए | क्यारियों की चौड़ाई सामान्यतः 90 सेमी होनी चाहिए | ड्रिप लाइन बिछाने के बाद पौधों को 45 सेमी की दूरी पर लगाना चाहिए | सामान्यतः एक क्यारी पर पौधों की दो कतारें लगाई जाती हैं |
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किसान साथियों ये थे शिमला मिर्च की खेती ( Capsicum Farming ) की जानकारी | उम्मीद करते हैं आपको शिमला मिर्च की खेती ( Capsicum Farming ) की जानकारी पसंद आयी होगी | अगर आपको आज की ये जानकारी पसंद आयी तो आप इस जानकारी को ज़्यादा से ज़्यादा किसान साथियों के साथ फेसबुक ग्रुप्स और व्हाट्सप्प ग्रुप्स के माध्यम से शेयर करें | क्योंकि इसी तरह की जानकारी आपको हर रोज़ हमारी इस वेबसाइट पर देखने को मिलती रहेगी |