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सरसों की बुवाई: बीज दर और उर्वरक प्रबंधन से पैदावार बढ़ाएं

By Ishwar Singh

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सरसों की बुवाई

सरसों की बुवाई: सरसों की फसल की समय पर बुवाई, सही भूमि उपचार, बीज दर और उर्वरक प्रबंधन से पैदावार में बढ़ोतरी की जा सकती है। आज हम आपको सरसों की बुवाई से जुडी सभी प्रकार की जानकारी देंगे।

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सरसों की बुवाई – इस तरह से करें सरसों की बुवाई

सरसों की बुवाई करने के लिए आपको कुछ महत्वपूर्ण बातों को ध्यान रखना होगा। भूमि उपचार, बीज दर, बीज उपचार, सरसों की बुवाई का उचित समय, बुवाई की विधि, उर्वरकों का प्रयोग आदि इस सबका ध्यान रखना होगा। निचे दी गयी जानकारी के अनुसार सरसों की बुवाई करें:-

भूमि उपचार

भूमिगत कीट नियंत्रण के लिए अंतिम जुताई के समय 1.5 प्रतिशत क्यूनॉलफॉस पाउडर 25 किग्रा प्रति हैक्टयर की दर से मिट्टी में मिलाएं।

बीज दर

  • सिंचित: 4-5 किग्रा प्रति हैक्टयर
  • बारानी, लवणीय, क्षारीय क्षेत्र: 25 प्रतिशत अधिक

बीज उपचार

  • कार्बेन्डाजीम (बावस्टीन): 2 ग्राम प्रति किलो बीज।
  • सफेद रोली प्रभावित क्षेत्रों: एप्रोन (एस. डी. 35) 6 ग्राम प्रति किग्राम बीज।
  • मृदाजनित रोगों की रोकथाम: ट्राइकोडर्मा 6 ग्राम प्रति किग्राम बीज।
  • चितकबरा कीट या पेंटेड बग से बचाव: इमिडाक्लोप्रिड 70 डब्लूपी. 7 ग्राम प्रति किलो बीज।

बुवाई का उचित समय

  • सामान्य क्षेत्रों: सितम्बर मध्य से अक्टूबर अंत तक।
  • पूर्वी क्षेत्रों (पश्चिम बंगाल, असम, उड़ीसा): बुवाई नवंबर मध्य तक।

बुवाई विधि

सरसों की बुवाई पंक्तियों में सीड ड्रिलों द्वारा 30 सेमी की दूरी पर करें। बीज की बुवाई 3-5 सेन्टीमीटर की गहराई पर और उर्वरकों को 7-10 सेन्टीमीटर गहराई में डालना चाहिए।

उर्वरकों का उपयोग

  • सिंचित फसल: 80-120 किग्रा नत्रजन, 50-60 किग्रा फस्फोरस और 20-40 किग्रा पोटाश, सल्फर प्रति हैक्टयर।
  • असिंचित फसल: 40-60 किग्राम नत्रजन, 20-30 किग्रा फस्फोरस, 20 किग्रा पोटाश और सल्फर।

सिंचित स्थितियों में नत्रजन की आधी मात्रा, फास्फोरस- पोटाश और सल्फर की पूरी मात्रा बुवाई के समय, और शेष आधी नत्रजन को पहली सिंचाई के बाद खेत में बिखेरना (टोप ड्रेसिंग) चाहिए।

सूक्ष्म पोषक तत्व

  • जिंक की कमी: 25 किग्रा जिंक सल्फेट प्रति हैक्टयर या जैविक खाद के साथ प्रयोग किया जा सकता है।
  • बोरोन की कमी: 10 किलोग्राम बोरेक्स प्रति हैक्टयर की दर से खेतों में बुवाई से पूर्व मिला दिया जाए।

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सारांश: सरसों की बुवाई के लिए उचित बीज दर और उर्वरक प्रबंधन का पालन करने से उत्पादकता में वृद्धि संभव है। इन सिफारिशों को अपनाकर किसान बेहतर उपज प्राप्त कर सकते हैं।

Ishwar Singh

खेती-किसानी से जुड़े हर पहलू को समझने और समझाने का जज़्बा लिए, ईश्वर सिंह ने "किसान की आवाज़" प्लेटफॉर्म को जन्म दिया। यहां आपको कृषि, पशुपालन, किसानों की समस्याओं और समाधानों, साथ ही कृषि से जुड़ी ताज़ा खबरों का खज़ाना मिलेगा।

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