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Pushkar Mela 2024 में ऊंटों की संख्या क्यों हो रही है कम ? जानें सरकार की नई योजनाएं

By Ishwar Singh

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Pushkar Mela 2024

Pushkar Mela 2024 : अजमेर में आयोजित होने वाला प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय Pushkar Mela 2024, जो अपनी अद्वितीयता और सांस्कृतिक धरोहर के लिए दुनियाभर में जाना जाता है, अब एक गंभीर समस्या का सामना कर रहा है। इस मेले का मुख्य आकर्षण रेगिस्तान का जहाज कहे जाने वाले ऊंटों की उपस्थिति होती थी, लेकिन पिछले कुछ सालों में ऊंटों की संख्या में भारी कमी आई है। कृषि में मशीनों का बढ़ता उपयोग और ऊंटों की घटती उपयोगिता ऊंट पालकों के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। इस वजह से, ऊंटों की घटती संख्या ने पशुपालन विभाग और सरकार दोनों को चिंता में डाल दिया है।

राजस्थान का पुष्कर 9 से 15 नवंबर तक पुष्कर ऊंट मेला की मेजबानी करेगा। इस वार्षिक कार्यक्रम में पर्यटकों को आध्यात्मिक अनुष्ठान के साथ ही राजस्थानी सांस्कृतिक अनुभव देखने को मिलेंगे।

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ऊंटों की घटती संख्या

Pushkar Mela 2024 पशुपालन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 23 वर्षों में ऊंटों की संख्या में भारी गिरावट आई है। 2001 में पुष्कर मेले में कुल 15,460 ऊंट आए थे, लेकिन 2010 तक यह संख्या घटकर 9,419 हो गई। इसके बाद स्थिति और गंभीर हो गई, जब 2015 में यह संख्या 5,215 तक पहुँच गई। 2021 में ऊंटों की संख्या घटकर मात्र 2,340 रह गई और 2023 में कुछ सुधार के साथ 3,639 ऊंट मेले में आए। इस तुलना में, अश्व (घोड़ों) की संख्या में वृद्धि देखी गई है। 2001 में 1,923 अश्व मेले में आए थे, जो 2010 में बढ़कर 5,339 हो गए और 2023 में 4,152 अश्व उपस्थित थे। यह बदलाव ऊंट पालन के भविष्य पर सवाल खड़े करता है।

Pushkar Mela 2024 में ऊंट पालकों के लिए प्रोत्साहन

पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. सुनील कुमार घीया के अनुसार, 2024 के पुष्कर पशु मेले में ऊंटों की संख्या बढ़ाने और ऊंट पालकों को प्रोत्साहित करने के लिए कई नवाचार किए जा रहे हैं। इसके तहत हर जिले में ऊंट पालकों को मेले में आमंत्रित करने के लिए पंफलेट भेजे गए हैं। साथ ही, ऊंट पालकों को मय परिवार के साथ मेले में आने के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए पशुओं के लिए रियायती दर पर चारा, भोजन और रसद सामग्री की व्यवस्था की गई है।

इसके अलावा, मेले में आने वाले ऊंट पालकों को राहत देने के लिए 8 अन्नपूर्णा रसोइयों की व्यवस्था की जाएगी, जहां रियायती दरों पर पूरी, सब्जी और नाश्ता मिलेगा। मेले में ऊंट पालकों के लिए राशन और आवश्यक वस्तुओं की दुकानें भी लगाई जाएंगी, ताकि वे महंगाई से परेशान न हों। मेले में ऊंटों के लिए पानी और बिजली की व्यवस्था भी की गई है, जिससे ऊंट पालकों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।

ऊंटों के संवर्धन और प्रचार के प्रयास

ऊंटों की घटती संख्या को देखते हुए, इस बार मेले में ऊंटों के संवर्धन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। डॉ. घीया ने बताया कि मेले में एक पशु शोभायात्रा निकाली जाएगी, जिसमें ऊंट और घोड़े शामिल होंगे। इस शोभायात्रा के दौरान ऊंटों के संवर्धन के लिए चलाई जा रही योजनाओं के बारे में बैनर और पोस्टरों के माध्यम से जानकारी दी जाएगी। नेशनल रिसर्च सेंटर ऑन कैमल को भी आग्रह किया गया है कि वह ऊंटों और उनके दूध से बने उत्पादों के स्टॉल लगाएं, ताकि लोग ऊंटों की उपयोगिता के बारे में जागरूक हो सकें।

वाहनों का प्रवेश निषेध और अन्य योजनाएँ

पर्यटकों के लिए मेला क्षेत्र में ऊंट और ऊंट गाड़ियों की व्यवस्था की जाएगी, ताकि वे मेले का पूरा आनंद ले सकें। मेला क्षेत्र में वाहनों का प्रवेश निषेध रहेगा, जिससे ऊंट पालकों को रोजगार के अवसर मिलेंगे और पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा। स्थानीय ऊंट गाड़ी चलाने वालों को रोजगार के अधिक अवसर देने के लिए यह कदम उठाया गया है। इसके अलावा, मिट्टी के दरडों पर थार जीपों का संचालन भी बंद करने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि मेला पूरी तरह ईको फ्रेंडली रहे।

Pushkar Mela 2024 समापन

अंतरराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेला 2024 ऊंट पालकों और पर्यटकों के लिए एक महत्वपूर्ण आयोजन है। ऊंटों की घटती संख्या एक गंभीर समस्या है, लेकिन पशुपालन विभाग और स्थानीय प्रशासन इसके समाधान के लिए प्रयासरत हैं। ऊंट पालकों के लिए प्रोत्साहन और नवाचारों के माध्यम से मेले का आकर्षण फिर से बढ़ाने की कोशिश की जा रही है।

Ishwar Singh

खेती-किसानी से जुड़े हर पहलू को समझने और समझाने का जज़्बा लिए, ईश्वर सिंह ने "किसान की आवाज़" प्लेटफॉर्म को जन्म दिया। यहां आपको कृषि, पशुपालन, किसानों की समस्याओं और समाधानों, साथ ही कृषि से जुड़ी ताज़ा खबरों का खज़ाना मिलेगा।

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