नमस्कार किसान साथियों आज की इस पोस्ट में आप सभी का स्वागत है | आज की इस पोस्ट में हम आपको सब्जियों की जानकारी देंगे | दोस्तों मार्च का महीना आ चूका है और काफी सारे किसान समझ नहीं पार रहे हैं की अब मार्च के महीने में कौन सी सब्जियां लगायी जाए | मार्च महीने में इन सब्जियों से किसान बनेंगे लखपति , किसानों को अपनी आय बढ़ाने के लिए सब्जियों की खेती की और ध्यान देना आवश्यक है |
किसानों को बाजार की मांग और महीने के अनुसार सब्जियों की खेती करनी चाहिए ताकि उन्हें अधिक लाभ मिले सके। आज की इस पोस्ट में हम किसान भाइयों को मार्च महीने के दौरान उगाई जाने वाली सब्जियों की जानकारी देंगे । हम आशा करते है कि हमारी आज की यह जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित होगी।
किसान साथियों आज की इस पोस्ट में हम आपको 5 फसलों के बारे में जानकारी देंगे | इसमें खीरा , लौकी , भिंडी , फूल गोभी और तुरई आदि | इन सभी फसलों की की बुवाई मार्च तक चलती है और इन फसलों को बोने के बाद किसान अच्छा मुनाफा ले सकतें हैं | दोस्तों इन सब फसलों की पूरी जानकारी निचे दी गयी है |
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मार्च महीने में इन सब्जियों से किसान बनेंगे लखपति :-
1. लौकी :-
फिलहाल मार्च का महीना चल रहा है और लौकी की खेती मार्च के महीने में की जा सकती है | इसके लिए आपको लौकी की किस्मों में कोयंबटूर-1 , अर्का बहार , पंजाब गोल , नरेंद्र रामिश , पूसा सन्देश , पूसा नवीन आदि इन किस्मों का चयन करें इन से आपको ज्यादा मुनाफा मिलेगा |
लौकी की खेती के लिए ज़मीन और वातावरण :-
दोस्तों लौकी की खेती जायद और खरीफ दोनों ही मौसमों में सफलतापूर्वक की जा सकती है | लौकी के बीज को अंकुरित होने के लिए उच्च तापमान 30 से 33 डिग्री सेंटीग्रेड और पौधे के विकास के लिए 32 से 38 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान की जरुरत होती है | आप लौकी की ज़्यादा पैदावार गर्म वातावरण में ले सकतें हैं | और हम अगर लौकी की खेती के लिए उपयुक्त मिटटी की बात करें तो इसके लिए बुलई और दोमट मिटटी सबसे अच्छी मानी जा सकती है | और मिटटी का PH 6 से 7 तक अच्छा माना जाता है |
लौकी को बोने का तरीका :-
लौकी को मार्च के महीने में बोने के लिए 4 से 6 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर बीज की जरुरत होती है | वहीँ अगर आप लौकी को जून के महीने में बोना चाहते हैं तो आपको 3 से 4 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर बीज की जरुरत होती है |
2.खीरे की किस्मे :-
दोस्तों खीरे को भोजन के साथ-साथ सलाद की रूप में कच्चा भी खाया जाता है | ये हमारे शरीर में पानी की कमी को भी पूरा करता है। खीरे की भारतीय किस्में में स्वर्ण अगेती, स्वर्ण पूर्णिमा, पूसा उदय, पूना खीरा, पंजाब सलेक्शन, पूसा संयोग, पूसा बरखा, खीरा 90, कल्यानपुर हरा खीरा, कल्यानपुर मध्यम और खीरा 75 आदि प्रमुख किस्मे है।
वहीं इसकी संकर किस्मों की बात करें तो पंत संकर खीरा- 1, प्रिया, हाइब्रिड- 1 और हाइब्रिड- 2 आदि काफी अच्छी किस्में हैं। इसी के साथ ही इसकी कई विदेशी किस्में भी होती हैं जैसे :- जापानी लौंग ग्रीन, चयन, स्ट्रेट- 8 और पोइनसेट आदि। इसके अलावा इसकी नयी किस्मों में PCUH-1, पूसा उदय, स्वर्ण पूर्णा और स्वर्ण शीतल आदि काफी अच्छी किस्में मानी जाती हैं। आपको इन किस्मों का चुनाव क्षेत्रीय जलवायु और मिट्टी की प्रकृति के अनुसार ही करना चाहिए।
खीरे की खेती के लिए सबसे अच्छी मिटटी कौन सी है ?
दोस्तों सवाल ये भी है की खीरे की खेती के लिए सबसे अच्छी मिट्टी कौन सी है | वैसे तो खीरे की खेती हर तरह की मिट्टी में की जा सकती है | लेकिन खीरे के फसल से अच्छा मुनाफा और अच्छी पैदावार लेने के लिए अच्छी जल निकासी वाली दोमट मिटटी या फिर बुलई दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त रहती है | वैसे आप खीरे की खेती किसी नदी या तालाब के किनारे भी कर सकतें हैं | खीरे की खेती के लिए जमीन का PH 5.5 से 6.8 तक उपयुत्क माना जाता |
खीरे को बोने का तरीका :-
दोस्तों खीरे की बुवाई के लिए आपको प्रति हेक्टेयर 2 से 2.5 किलोग्राम बीज की जरुरत पड़ती है | खीरे की बुवाई हमेशा लाइन में की जाती है | गर्मियों में लाइन की दूरी 1.5 मीटर और पौधे से पौधे की दूरी 775 सेंटीमीटर रखते हैं | लेकिन बारिश वाली फसल में आपको इसकी दूरी बढ़ा देनी चाहिए और इसमें लाइन से लाइन की दूरी 1.5 मीटर और पौधे से पौधे की दूरी 1.0 मीटर रखनी चाहिए |
3. फूलगोभी की खेती :-
दोस्तों अब बात करते हैं फूल गोभी की खेती के बारे में | फूलगोभी की काफी सारी उन्नत किस्में है जिन्हे समय के अनुसार लगाया जाना चाहिए | फूलगोभी की अगेती किस्मों में पूसा कतिकी , पूसा दीपावली , समर किंग , पावस आदि किस्में इसकी अगेती किस्में हैं |
फूलगोभी की बुवाई करने का तरीका :-
फूलगोभी की अगेती किस्मों में बीज का मात्रा 600 से 700 ग्राम प्रति हेक्टेयर होने चाहिए | वहीँ फूलगोभी की पछेती किस्मों में बीज की मात्रा 350 से 400 ग्राम प्रति हेक्टेयर होनी चाहिए | आपको इस बात का अवश्य ध्यान रखना है की फूलगोभी के बीज आपको सीधे नहीं बोने है बल्कि सबसे पहले आपको इसकी नर्सरी तैयार करनी है | इसके पौधों को खेत में रोपने से पहले 1 ग्राम स्टेप्टोसाईक्लीन को 8 लीटर पानी में घोलकर उसको 30 मिनट तक डूबकर उपचारित कर लें | इसकी लाइन से लाइन की दूरी आपको 40 सेंटीमीटर और पौधे से पौधे की दूरी आपको 30 सेंटीमीटर रखनी है |
4. भिंडी की खेती :-
भिंडी की फसल लगाना भी इस मौसम में काफी लाभकारी साबित हो सकता है | भिंडी की बोहोत सारी उन्नत किस्में हैं जिनमे पूसा सावनी , परभान क्रांति , पंजाब – 13 , पंजाब – 17 आदि किस्में इसकी उन्नत किस्में हैं |
भिंडी को बोने का तरीका :-
भिंडी के बीजों को बोने के लिए आपको इसके बीजों को 24 से 36 घंटे के लिए भिगो दिया जाता है | इसके बाद आपको इन बीजों को छाया में सूखा देना है | बीजों को बोने से पहले 2 ग्राम प्रतिकिलोग्राम की दर से किसी भी फफूंदीनाशक में अच्छी तरह से मिला लेना है | भिंडी की बुवाई के लिए पौधे से पौधे की दूरी 15 से 20 सेंटीमीटर और लाइन से लाइन की दूरी 25 से 30 सेंटीमीटर होनी चाहिए |
तो दोस्तों इन सब सब्जियों की खेती करके आप अच्छा मुनाफा ले सकतें है | उम्मीद करते हैं आपको आज की ये जानकारी पसंद आयी होगी | अगर आपको आज की ये जानकारी पसंद आयी तो इसे शेयर जरूर करें | इसी तरह की जानकारी हम इस वेबसाइट पर अपलोड करते रहते हैं |
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