आप सभी किसान साथियों का आज की इस पोस्ट में स्वागत है | क्या आपने कभी खेत में मल्चिंग ( Mulching Technique ) के बारे में सुना है ? इन दिनों लगातार खेती-बाड़ी के क्षेत्र में नए-नए प्रयोग देखने को मिलते हैं | आप भी किसान हैं और खेती को आधुनिक बनाने के साथ ढेरों फायदे चाहते हैं को मल्चिंग तकनीक को अपनाएं | इस तकनीक के बारे में ज्यादातर किसानों को अधिक जानकारी नहीं है | इस खबर में मल्चिंग के लाभ और इसके प्रकार से जुड़ी सभी छोड़ी-बड़ी बातें जान लेते हैं |
देखिये हमारे देश में खेती-किसानी का काम पुराने समय से ही किया जाता रहा है | एग्रीकल्चर के सेक्टर की वजह से भारत को दुनियाभर में खास पहचान भी मिली है | अनाजों से लेकर फल-सब्जी और मसालों की खेती के मामले में हमारा देश शीर्ष देशों में गिना जाता है | कुछ फसलों की खेती में तो हम सरप्लस कंट्री भी माने जाते हैं | खेती से अधिकांश लोग अच्छा मुनाफा कमाते हैं और वो लगातार नए-नए प्रयोग भी करते हैं | आज आपको खेती में अपनाई जाने वाली एक खास तकनीक के बारे में बताते हैं जिले मल्चिंग कहा जाता है |
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आइए इस खबर में खेती और बागवानी के क्षेत्र में बेहद फायदेमंद मल्चिंग तकनीक को अपनाने के फायदे जान लेते हैं | इसके अलावा हम इस खबर में मल्चिंग करने के खास दो तरीकों के बारे में भी किसानों को बताएंगे | आइये अब हम जाने खेत में मल्चिंग ( Mulching Technique ) और इसके फायदे के बारे में |
खेत में मल्चिंग ( Mulching Technique ) के क्या है ?
अब तक हम खेतों में कोई भी फसल उगाने का सिंपल तरीका अपनाते हैं जैसे खेतों की जुताई की और पौधे रोप दिए | मल्चिंग तकनीक में भी यही काम करना है लेकिन थोड़ा आधुनिकता के साथ | फसल उगाने से पहले खेतों की अच्छी जुताई करें और फिर कृषि मशीन की मदद से पूरे खेत में क्यारी नुमा मेड बनवा लें | इन मेड़ों में ट्रैक्टर में लगी खास मशीनी की सहायता से पॉलीथीन की परत चढ़ा दी जाती है जिसे मल्चिंग तकनीक कहा जाता है | इस पॉलीथिन में उचित दूरी का ध्यान रखते हुए पौधे रोपे जाते हैं जिसे मल्चिंग तकनीक के द्वारा की गई खेती कहा जाता है |
मल्चिंग के फायदे क्या है ?
- आज के दौर में भारत में दो तरह के किसान मिलते हैं | एक वे लोग जो खेती से लाखों कमा रहे हैं और दूसरे वे जो लागत भी मुश्किल से निकाल पा रहे हैं | खेती से अधिक कमाई के लिए नए प्रयोग की बहुत आवश्यकता है | खेती में मल्चिंग तकनीक को अपनाते हैं तो इससे आपको कई फायदे देखने को मिलेंगे |
- मल्चिंग के बाद खेत में कहीं भी अनावश्यक घास-फूस या खरपतवार नहीं उगते हैं जिससे निराई-गुड़ाई में लगने वाले समय और खर्च की बचत होती है, इसके साथ ही मल्चिंग के दौरान सिंचाई और खाद देने के लिए ड्रिप इरिगेशन तकनीक का भी इस्तेमाल किया जाता है जिससे पौधों को उनकी जरूरत के हिसाब से पर्याप्त पानी मिलता है | मल्चिंग के फायदे ये हैं कि हमारे द्वारा दी जाने वाली सिंचाई और खाद पौधों तक सीधा पहुंचती है और उसका दुरुपयोग भी नहीं होता जिससे भूमिगत जल का भी संरक्षण किया जा सकता है |
- मल्चिंग से मिट्टी के कटाव और पानी की कमी को रोकने में मदद करता है जबकि मिट्टी की उर्वरता और वायु संचार (एरेशन) में भी सुधार करता है | इसके अलावा मल्चिंग गर्मियों में मिट्टी के तापमान को ठंडा और सर्दियों में गर्म बनाने वाली तकनीक है साथ ही पौधों को कीटों और बीमारियों से बचाने में भी मदद करता है |
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किसान साथियों ये थी खेत में मल्चिंग ( Mulching Technique ) की जानकारी | उम्मीद करते हैं आपको आज की खेत में मल्चिंग ( Mulching Technique ) की जानकारी पसंद आयी होगी | अगर आपको आज की ये जानकारी पसंद आयी तो आप इस जानकारी को ज़्यादा से ज़्यादा किसान साथियों के साथ फेसबुक ग्रुप्स और व्हाट्सप्प ग्रुप्स के माध्यम से शेयर करें | क्योंकि इसी तरह की जानकारी आपको हर रोज़ हमारी इस वेबसाइट पर देखने को मिलती रहेगी |