आप सभी साथियों का आज की इस पोस्ट में स्वागत है | देखिये केंचुआ खाद ( Kenchua Khaad ) बनाने की फ्री ट्रेनिंग HAU यूनिवर्सिटी हिसार में 27 जून को दी जा रही है | इस प्रशिक्षण में तीनों दिन भाग लेने वाले उम्मीदवारों को संस्थान की तरफ से प्रमाण-पत्र भी दिए जाएंगे | इच्छुक युवक व युवतियां पंजीकरण के लिए सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी, प्रशिक्षण एवं शिक्षा संस्थान में 27 जून को ही सुबह 7 बजे आकर अपना पंजीकरण करवाएं, जिसके बाद वे प्रशिक्षण में भाग ले सकते हैं |
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी, प्रशिक्षण एवं शिक्षा संस्थान द्वारा ‘केंचुआ की खाद उत्पादन तकनीक/वर्मीकंपोस्टिंग’ विषय पर 27 से 29 जून तक तीन दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया जाएगा | इस प्रशिक्षण में देश व प्रदेश से किसी भी वर्ग, आयु के इच्छुक महिला और पुरुष भाग ले सकते हैं | सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी, प्रशिक्षण एवं शिक्षा संस्थान के सह-निदेशक प्रशिक्षण डॉ. अशोक गोदारा ने बताया कि ‘केंचुआ की खाद उत्पादन तकनीक’ विषय पर आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण में केंचुआ की विभिन्न प्रजातियों, इनसे खाद तैयार करने की आधुनिक तकनीक, रख-रखाव इत्यादि पर विस्तार से जानकारी दी जाएगी |
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उन्होंने बताया कि यह प्रशिक्षण नि:शुल्क होगा | प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को विश्वविंद्यालय की वर्मीकंपोस्टिंग इकाई भी दिखाई जाएगी, जहां पर वर्मी कंपोस्ट बनाया जाता है | उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण में तीनों दिन भाग लेने वाले उम्मीदवारों को संस्थान की तरफ से प्रमाण-पत्र भी दिए जाएंगे | इच्छुक युवक व युवतियां पंजीकरण के लिए सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी, प्रशिक्षण एवं शिक्षा संस्थान में 27 जून को ही सुबह 7 बजे आकर अपना पंजीकरण करवाएं, जिसके बाद वे प्रशिक्षण में भाग ले सकते हैं | उन्होंने बताया कि यह संस्थान विश्वविद्यालय के गेट नंबर-3, लुदास रोड पर स्थित है। यह प्रशिक्षण पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर दिया जाएगा | पंजीकरण के लिए एक फोटो और आधार कार्ड की फोटोकॉपी साथ लेकर आएं |
इस तरह से बनता है केंचुआ खाद ( Kenchua Khaad )
केंचुआ की खाद एक जैविक खाद है जो केंचुएं या अन्य प्रकार के कीड़ों द्वारा अवशिष्ट पदार्थों को विघटित करके बनाया जाता है | केंचुआ की खाद एक प्रकार का स्वच्छ और कार्बनिक पदार्थ से बना खाद है जिसमें गंध नहीं होती है | इससे बनाने के लिए सबसे पहले 6 फीट लंबा,तीन फीट गहरा और तीन फीट चौड़ा गड्ढा तैयार किया जाता है | इसके बाद इसमें ईट पत्थर की एक पतली परत बिछाई जाती है फिर इसके ऊपर दोमट मिट्टी की पांच इंच मोटी परत बिछाई जाती है |
मिट्टी को पानी से भिंगाने के बाद प्रति वर्ग मीटर में एक हजार केंचुआ डाले | इसके ऊपर फिर गोबर खाद को डालें | देखिये इसके बाद गड्ढे में सूखे घास-फूस और खरपतवार डालें. इसके बाद इसे बोरे से ढंक दे और रोज पानी का छिड़काव करते रहें |
45 दिन में खाद हो जाती है तैयार
एक महीना तक इस प्रक्रिया को चलने दे फिर बोरे को हटा कर इसमें सूखे खरपतवार और पत्ते डालते रहे | इसे दो तीन इस मोटी परत बेड के ऊपर फैलाकर रखें | पत्ते और खतपतवार को डालने समय यह ध्यान रखें की कचरे के साथ कांच के टुकड़े, पत्थर, प्लास्टिक या कोई धातु नहीं जा रहा है | इसके बाद इसे फिर से ढंक कर पानी डालते रहे. इस तरह से हर सप्ताह कचरे को डालते रहें और नमी को बनाए रखें. इस तरह से गड्ढा के भर जाने के 45 दिन बाद खाद तैयार हो जाता है |
हालांकि इन 45 दिनों में कूड़े कचरे को सप्ताह में एक पार पलटते रहना चाहिए | फिर पानी देना बंद कर दें, ऐसा करने पर केंचुआ कुछ वर्मी बेड में चले जाएंगे, जो निचला पत्थर वाला भाग है | फिर उसे निकालकर सूखा कर 20-25 प्रतिशत की नमी के साथ प्लास्टिक की थैली में भर दें |
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किसान साथियों ये थी केंचुआ खाद ( Kenchua Khaad ) की जानकारी | उम्मीद करते हैं आपको केंचुआ खाद ( Kenchua Khaad ) की जानकारी पसंद आयी होगी | अगर आपको आज की ये जानकारी पसंद आयी तो आप इस जानकारी को ज़्यादा से ज़्यादा किसान साथियों के साथ फेसबुक ग्रुप्स और व्हाट्सप्प ग्रुप्स के माध्यम से शेयर करें | क्योंकि इसी तरह की जानकारी आपको हर रोज़ हमारी इस वेबसाइट पर देखने को मिलती रहेगी |