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काली मिर्च के भाव में तेज़ी 19 जून 2024 | Kali Mirch Ke Bhav | किसानो के पास नहीं बचा स्टॉक

By Ishwar Singh

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काली मिर्च के भाव

आप सभी किसान साथियों का आज की इस पोस्ट में स्वागत है | क्या आप जानते हैं की काली मिर्च के भाव ( Kali Mirch Ke Bhav ) क्या हैं ? अगर आप नहीं जानते की काली मिर्च का मंडी भाव क्या है तो आज की इस पोस्ट में हम आपको काली मिर्च का मंडी भाव बताएँगे |

देखिये किसान साथियों जब भी हम बाजार से कोई भी फल, सब्ज़ी या कोई भी अन्य सामान लेने जाते हैं तो हमें उस सामान की एक रेट लिस्ट देखने को मिलती है | इस रेट लिस्ट में हमें हर रोज़ उतार और चढाव देखने को मिलते रहते हैं | इन उतार और चढ़ावों के कारण किसान को काफी सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है |

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साथियों किसान अपनी फसल को तभी मंडी में बेचेगा जब उस फसल के भाव में तेज़ी आएगी | लेकिन मंडी भाव की सटीक जानकारी न मिलने के कारण किसान अपनी फसल को सही दाम पर नहीं बेच पाता | लेकिन दोस्तों आज की इस पोस्ट में आपको मंडी भाव की सबसे सटीक जानकारी दी जाएगी |

काली मिर्च के भाव

Kali Mirch Ke Bhav | काली मिर्च के भाव 19 जून 2024

दोस्तों काली मिर्च के दाम दशकों बाद आसमान पर हैं लेकिन इसके बाद भी किसानों की परेशानियां कम नहीं हुई हैं | देखिये इदुक्‍की को काली मिर्च के लिए पूरी दुनिया में ही जाना जाता है लेकिन दशकों बाद भी काली मिर्च की कीमतें उच्चतम स्तर पर हैं तो वहीं किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्‍या है कि उनके पास अब जरूरी स्‍टॉक नहीं बचा है कि वो इस कीमत का फायदा उठा सकें | आपको बता दें की एक रिपोर्ट की मानें तो किसानों ने अपने परिवार के खर्चों के लिए काली मिर्च का स्‍टॉक बेच दिया | ऐसे में अब न तो उनके पास स्‍टॉक बचा है और न ही उससे होने वाले फायदे का कोई रास्‍ता |

पैसे की जरुरत के लिए बेचीं मिर्च

वेबसाइट मनोरमा.कॉम की रिपोर्ट के अनुसार इदुक्‍की में जब स्कूल फिर से खुले तो ज्‍यादातर किसानों ने किताबों, यूनिफॉर्म और स्टेशनरी के खर्च को पूरा करने के लिए अपने पास रखी काली मिर्च बेच दी | गर्मी की वजह से इलायची के बागान तबाह हो गए थे | ऐसे में किसानों को काली मिर्च, कोको और लौंग से उम्मीदें थीं. काली मिर्च की बेलें कठोर गर्मी से बच गई थीं | एझुकुमवायल के एक किसान जिंस ने कहा कि जब उन्‍हें पैसे की जरूरत होती है तो वो मिर्च या इलायची को बेचने के अलावा और क्या कर सकते हैं?

उन्‍होंने बताया कि ज्‍यादातर किसान 1000 रुपये प्रति किलो की उम्मीद कर रहे थे | लेकिन 700 रुपये प्रति किलो पर भी उनके पास बेचने के लिए मिर्च नहीं है | स्कूल खुलने पर मिर्च बेचनी पड़ी | उनके दो बच्चे हैं जो कक्षा 8 और 4 में पढ़ते हैं | उनका जीवन पूरी तरह से खेती पर निर्भर है | ऐसे में जब स्कूल फिर से खुले तो उन्‍हें अतिरिक्त धन की जरूरत थी | अब उनके पास कुछ भी नहीं बचा है |

10 साल के बाद हुई मिर्च महंगी

साल 2014 में काली मिर्च 750 रुपये प्रति किलो के भाव पर बिकी थी | 10 साल बाद काली मिर्च की कीमत 680 रुपये प्रति किलो हो गई | साल 2017 में काली मिर्च की कीमत सबसे कम रही | उस समय यह 250 रुपये प्रति किलो थी | अब जब काली मिर्च को बेहतर दाम मिल रहे हैं तो इदुक्‍की के किसानों के पास बेचने के लिए फसल खत्म हो गई है | किसानों का कहना है कि मिर्च की खेती तभी फायदेमंद हो सकती है जब इसकी कीमत कम से कम 500 रुपये प्रति किलो हो | काली मिर्च एक ऐसा पौधा है जो कई बीमारियों के साथ-साथ फंगल और वायरल हमलों के लिए बहुत ही संवेदनशील होता है |

पशुओं का हरा चारा यहाँ उपलब्ध है :- Kisan Napier Farm

किसान साथियों ये थे काली मिर्च के भाव ( Kali Mirch Ke Bhav ) की जानकारी | उम्मीद करते हैं आपको काली मिर्च का मंडी भाव की जानकारी पसंद आयी होगी | अगर आपको आज की ये जानकारी पसंद आयी तो आप इस जानकारी को ज़्यादा से ज़्यादा किसान साथियों के साथ फेसबुक ग्रुप्स और व्हाट्सप्प ग्रुप्स के माध्यम से शेयर करें | क्योंकि इसी तरह की जानकारी आपको हर रोज़ हमारी इस वेबसाइट पर देखने को मिलती रहेगी |

Ishwar Singh

खेती-किसानी से जुड़े हर पहलू को समझने और समझाने का जज़्बा लिए, ईश्वर सिंह ने "किसान की आवाज़" प्लेटफॉर्म को जन्म दिया। यहां आपको कृषि, पशुपालन, किसानों की समस्याओं और समाधानों, साथ ही कृषि से जुड़ी ताज़ा खबरों का खज़ाना मिलेगा।

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