Join Our WhatsApp Group 👉 Join Now
Join Our Telegram Channel 👉 Join Now

फूलों की खेती से ओडिशा के किसानों की आय बढ़ाने की योजना , NBRI का मिलेगा सहयोग और FPO से जुड़ेंगे किसान

By Ishwar Singh

Published on:

Follow Us
फूलों की खेती

आप सभी किसान साथियों का आज की इस पोस्ट में स्वागत है | साथियों फूलों की खेती ( Flowers farming ) से ओडिशा के किसानों की आय बढ़ाने की नयी योजना आयी है | जिसमे किसान FPO से जुड़ेंगे और किसानों को NBRI का भी सहयोग मिलेगा | सबुजा सनातनपाली किसान उत्पादक कंपनी लिमिटेड राज्य का पहला किसान उत्पादक संगठन है जो फूलों की खेती पर पूरी तरह ध्यान केंद्रित करता है. ओडिशा में फिलहाल 6,500 हेक्टेयर जमीन में फूल की खेती की जाती है |

  • ओडिशा में अब फूल की खेती ( Flowers farming ) से किसानों की आय बढ़ाने की कोशिश की जा रही है | अब एफपीओ के जरिए बड़े पैमाने पर फूल की खेती राज्य में किए जाने की योजना है | इसके लिए ओडिशा के किसान उत्पादक समूह और वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की एक इकाई, लखनऊ स्थित राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान (एनबीआरआई) के बीच आपसी सहयोग पर सहमति बन गई है | सबुजा सनातनपाली किसान उत्पादक कंपनी लिमिटेड (एसएसएफपीसीएल) ओडिशा का एफपीओ है जो फूल की खेती पर आधारित है और इसे बढ़ावा देने का कार्य कर रही है |
  • राज्य में इसकी खेती को आर्थिक तौर पर किसानों के लिए फायदेमंद बनाने के लिए, किसानों तक अच्छी गुणवत्ता को फूल के पौधे पहुंचाने के लिए और फूल की खेती के वैज्ञानिक तरीकों को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है | बता दें कि ओडिशा में पहली बार किसी एफपीओ ने जलवायु परिवर्तन के अनुकूल फूल की खेती और इसके मार्केटिंग के मॉडल पर काम कर रही है ताकि किसानों को फूल खेती के जरिए आर्थिक तौर पर मजबूत बनाया जाए और द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार एनबीआरआई के वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक चंद्रशेखर मोहंती ने कहा कि इस पहल के माध्यम से किसानों को तकनीकी और वैज्ञानिक सहायता प्रदान की जाएगी इससे फसलों की विविधता भी बढ़ेगी |
फूलों की खेती

फूलों की खेती ( Flowers Farming )

ओडिशा में बढ़ी फूलों की मांग :- ओडिशा में फिलहाल 6,500 हेक्टेयर जमीन में फूल की खेती की जाती है | राज्य में प्रतिवर्ष 24,800 टन खुले हुए फूल और 5,500 लाख कटे हुए फूलों का उत्पादन किया जाता है | इतनी मात्रा में फूल का उत्पादन होने के बाद भी प्रदेश अपनी मांग का केवल 18 फीसदी ही पूरा कर सकता है | बाकी फूलों की आपूर्ति के लिए कोलकाता, बेंगंलुरु, दिल्ली और हैदराबाद जैसे शहरों पर निर्भर रहना पड़ता है | राज्य में प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर भी है जहां पर हर दिन बड़ी मात्रा में फूलों की मांग होती है | फूल की खेती के लिए ओडिशा की जलवायु भी उपयुक्त मानी जाती है |

यह भी पढ़ें :- कपास में गुलाबी सुंडी को रोकथाम के लिए क्या करें ?

1200 से ज्यादा सदस्य है FPO में

सबुजा सनातनपाली किसान उत्पादक कंपनी लिमिटेड राज्य का पहला किसान उत्पादक संगठन है जो फूल की खेती पर पूरी तरह ध्यान केंद्रित करता है | यह एफपीओ को नाबार्ड का समर्थन प्राप्त है 2021 में पैलेडियम के साथ तकनीकी सहायता इकाई के रूप में इसे स्थापित किया गया था एसएसएफपीसीएल में 1,200 से ज़्यादा छोटे और सीमांत किसान सदस्य हैं, जिनमें से लगभग 50 प्रतिशत महिलाएं हैं इस एफपीओ में कुल मिलाकर 3,500 किसान लाभान्वित होते हैं फूल की खेती के अलावा, एसएसएफपीसीएल छोटे किसानों द्वारा उत्पादित आम और सब्ज़ियां जैसे गोभी, मिर्च, फूलगोभी और भिंडी सहित कई तरह के कृषि उत्पाद बेचता है |

पशुओं का हरा चारा यहाँ उपलब्ध है :- Kisan Napier Farm

किसान साथियों ये थी फूलों की खेती ( Flowers farming ) की जानकारी | उम्मीद करते हैं आपको आज की फूलों की खेती ( Flowers farming ) की जानकारी पसंद आयी होगी | अगर आपको आज की ये जानकारी पसंद आयी तो आप इस जानकारी को ज़्यादा से ज़्यादा किसान साथियों के साथ फेसबुक ग्रुप्स और व्हाट्सप्प ग्रुप्स के माध्यम से शेयर करें | क्योंकि इसी तरह की जानकारी आपको हर रोज़ हमारी इस वेबसाइट पर देखने को मिलती रहेगी |

Ishwar Singh

खेती-किसानी से जुड़े हर पहलू को समझने और समझाने का जज़्बा लिए, ईश्वर सिंह ने "किसान की आवाज़" प्लेटफॉर्म को जन्म दिया। यहां आपको कृषि, पशुपालन, किसानों की समस्याओं और समाधानों, साथ ही कृषि से जुड़ी ताज़ा खबरों का खज़ाना मिलेगा।

Leave a Comment