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अगर आप मछली पालन से कमाना है ज्यादा तो अभी करें ये काम

By Ishwar Singh

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मछली पालन

आप सभी किसान साथियों का आज की इस पोस्ट में स्वागत है | अगर आप भी मछली पालन ( Fish Farming ) करते हैं और इस से ज्यादा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो इस पोस्ट में हम आपको बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी देंगे जिस से आप मछली पालन ( Fish Farming ) से दो दूना ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं |

मछली की डिमांड अब सर्दी-गर्मी ही नहीं बरसात के दौरान भी होती है जबकि पहले ऐसा नहीं था | मछलियों का प्रजननकाल होने के चलते बारिश के दौरान मछलियों के शि‍कार पर रोक रहती थी लेकिन अब ऐसा नहीं है | अंडे देने वाली मछलियों के तालाब अलग होते हैं इसलिए अब बरसात में भी खूब मछली खाई जाती है |

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मछली पालन ( Fish Farming ) साल के 12 महीने फायदा देने वाला कारोबार है | मछलियों की बिक्री से मुनाफा भी खूब होता है | आज देश का ऐसा कोई राज्य या शहर नहीं है जहां मछली की डिमांड ना हो | एक मोटे अनुमान के मुताबिक एक साल में हमारे देश में करीब 160 लाख टन मछली खाई जाती है | इसमे एक बड़ा हिस्सा तालाब में पाली जाने वाली मछलियों का होता है | तालाब में मछली का पालन करने के दौरान पैनी नजर रखना बहुत जरूरी है | तालाब के पानी से लेकर मछलियों के खानपान का खास ख्याल रखना होता है |

मछली पालन

क्योंकि तालाब और मछलियों के प्रति बरती गई छोटी सी भी लापरवाही पूरे तालाब को बर्बाद कर सकती है | अगर आप मछली का पालन कर रहे हैं तो कुछ ऐसी बातें जिनका हमेशा पालन करना चाहिए, फिर चाहें आप मछली का पालन करते हों या फिर मछली के बीज की नर्सरी चलाते हों वैसे तो केन्द्र और राज्य सरकारें भी मछली पालन ( Fish Farming ) से जुड़ी ट्रेनिंग देती हैं मछली का पालन का साइंटीफिक तरीका बताया जाता है |

मछली पालन ( Fish Farming ) में किन बातों का रखे ध्यान ?

  • नर्सरी (बीज) तालाब निचली भूमि में बनाना अच्छा रहता है |
  • नर्सरी तालाब के किनारे तिरछे रखने से पानी अधिक मात्रा में रह पाता है और हवा के लिए भी खुली सतह मिल जाती है |
  • नर्सरी तालाब में स्पॉन (बीज) डालने से तीन दिन पहले तालाब में एक लीटर तेल या साबुन के घोल का इस्तेमाल करें |
  • तालाब में तेल या साबुन का घोल हर तीन दिन बाद छिड़कते रहना चाहिए. जब तक कि स्पॉन जीरा साइस ना बन जाए |
  • स्पॉन का मुंह बहुत कम खुलता है | इसलिए खाने में बहुत ही बारीक पाउडर दें. राईस ब्रान का चलनी से चाला हुआ सत्तु फायदेमन्द रहता है |
  • स्पॉन को मापने के लिए स्पॉन कूप का इस्तेमाल करें | इसी कूप से मापकर स्पॉन को बेचते और तालाब में डालते हैं |
  • कॉमन कार्प तालाब के रुके हुए पानी में ग्रोथ करती हैं | लेकिन ये अंडा तभी देती हैं जब वहां कुछ चिपकने वाली चीज मौजूद हो, जैसे-जलकुंभी के पौधे रख देने से अंडा जलकुंभी के पत्ते से चिपक जाता है और बाद में पत्तियों पर से इकट्ठा कर लिया जाता है |
  • जितना स्पॉन का वजन है उसका दो 2 फीसद ही उसे खाने को दें |
  • एक स्पॉन का वजन दो मिलीग्राम होता है एक लाख स्पॉन का वजन 200 ग्राम हुआ, इसलिए उन्हें चार ग्राम फीड चाहिए |
  • झींगा का अंडा 20-25 दिन तक नमकीन पानी में ही जिंदा रह सकता है |
  • 20-25 दिन बाद झींगा के अंडे में मीठा पानी छोड़ देना चाहिए |

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तालाब के कीड़ों को कैसे ख़तम करें ?

  1. तालाब में जीरा बीज डालने से पहले महीन जालीदार जाल चला देना चाहिए ऐसा करने से कीड़े खत्म हो जाते हैं |
  2. जीरा साइज बीज तालाब में डालने से 12 से 25 घंटे पहले 56 किलो सस्ता वनस्पति तेल और 18 किलोग्राम कपड़ा धोने का सस्ता साबुन का घोल प्रति हेक्टेयर की दर से तालाब में छिड़क दें |
  3. एक लीटर डीजल, 0.75 मिली डाईऑक्साइड और 40 मिली जल लेकर घोल तैयार कर लें और 1040.75 मिली घोल लेकर प्रति 200 वर्गमीटर जलक्षेत्र की दर से छिड़काव कर दें |
  4. तारपीन का तेल 75 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से तालाब में छिड़क दें इससे जलीय बग मर जाते हैं |

Ishwar Singh

खेती-किसानी से जुड़े हर पहलू को समझने और समझाने का जज़्बा लिए, ईश्वर सिंह ने "किसान की आवाज़" प्लेटफॉर्म को जन्म दिया। यहां आपको कृषि, पशुपालन, किसानों की समस्याओं और समाधानों, साथ ही कृषि से जुड़ी ताज़ा खबरों का खज़ाना मिलेगा।

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