MSP में आई बढ़ोतरी : मोदी सरकार ने रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में वृद्धि का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। सीएनबीसी आवाज़ के अनुसार, केंद्रीय कैबिनेट ने गेहूं का MSP 150 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 2,425 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। इसी प्रकार, चने का MSP 210 रुपये और सरसों का MSP 300 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाया गया है। यह निर्णय किसानों के लिए एक बड़ी राहत है, क्योंकि इससे उनकी आय में बढ़ोतरी होगी और उन्हें अपनी फसलों का उचित मूल्य प्राप्त होगा। चावल के वर्तमान भाव देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
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इसके साथ ही, केंद्रीय कैबिनेट ने कोस्टल शिपिंग बिल 2024 को मंजूरी दी है। इस बिल के माध्यम से देश के शिपिंग क्षेत्र को मजबूती देने के लिए नियमों को सरल बनाया जाएगा। भारतीय बंदरगाहों पर माल ढुलाई को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे, जिसमें भारतीय जहाजों के लिए लाइसेंस की शर्तें खत्म करने का प्रस्ताव भी शामिल है। इसके अलावा, इनलैंड जलमार्ग और तटीय परिवहन के लिए एक व्यापक रणनीति विकसित की जाएगी।
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए भी एक खुशखबरी है। कैबिनेट ने महंगाई भत्ते (DA) में 3 प्रतिशत की वृद्धि को मंजूरी दी है, जो 1 जुलाई, 2024 से प्रभावी होगी। यह वृद्धि कर्मचारियों की आय को बढ़ाने के साथ-साथ उनकी क्रय शक्ति में सुधार करेगी। ये दोनों निर्णय देश की अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने और लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
पिछले साल की MSP में आई बढ़ोतरी
पिछले वर्ष, 2023 में, कई प्रमुख फसलों के MSP में वृद्धि की गई थी। गेहूं का MSP 150 रुपये बढ़ाकर 2,275 रुपये प्रति क्विंटल, सरसों का MSP 150 रुपये बढ़ाकर 5,650 रुपये प्रति क्विंटल, और चने का MSP 105 रुपये बढ़ाकर 5,440 रुपये प्रति क्विंटल किया गया था। इन बढ़ोतरी से किसानों को अपनी फसलों का बेहतर मूल्य मिलने की उम्मीद थी। MSP में आई बढ़ोतरी,
MSP कैसे तय की जाती है? ( MSP में आई बढ़ोतरी )
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) वह न्यूनतम दर है MSP में आई बढ़ोतरी, जिस पर सरकार किसानों से उनकी फसल खरीदती है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिले और उन्हें बाजार की अस्थिरता से सुरक्षा मिले। MSP निर्धारित करने में सरकार कई महत्वपूर्ण कारकों पर विचार करती है, जैसे उत्पादन लागत, बाजार की स्थिति, मुद्रास्फीति, और किसानों की आय। भारत सरकार वर्तमान में 23 फसलों के लिए MSP निर्धारित करती है, जिसमें प्रमुख खाद्यान्न, दालें और तिलहन शामिल हैं। कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) MSP निर्धारण की प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो विभिन्न कारकों का विश्लेषण करके सिफारिशें करता है।