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Rice Price Today : चावल की बढ़ती कीमतें, किसानों के लिए अवसर

By Ishwar Singh

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Rice Price Today

Rice Price Today : आज कल के दिनों में भारत में चावल की कीमतों में तेज वृद्धि देखी गई है। सरकार द्वारा नॉन-बासमती चावल के निर्यात पर लगी रोक हटाने के बाद घरेलू बाजार में इसकी कीमतें 10 से 15 प्रतिशत तक बढ़ चुकी हैं। दिलचस्प बात यह है कि वैश्विक स्तर पर चावल की कीमतें 15 प्रतिशत तक गिर रही हैं, इसके बावजूद भारत में यह उल्टा ट्रेंड देखने को मिल रहा है।

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इस वृद्धि के पीछे मुख्य वजह भारत से चावल के निर्यात की बढ़ती मांग है। सरकार ने नॉन-बासमती सफेद चावल पर निर्यात शुल्क हटा दिया है और परबोल्ड चावल पर कर को 10 प्रतिशत कर दिया है, जिससे निर्यात में और तेजी आई है। बासमती चावल पर न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) हटाने के फैसले के बाद, इस कदम ने चावल की मांग को और बढ़ा दिया है।

घरेलू बाजार पर प्रभाव Rice Price Today

भारत के पास चावल का पर्याप्त भंडार होने के बावजूद, निर्यात की बढ़ती मांग से घरेलू आपूर्ति प्रभावित हुई है, जिससे कीमतें बढ़ गई हैं। यह स्थिति एक ओर किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है, वहीं दूसरी ओर उपभोक्ताओं के लिए महंगाई का कारण बन रही है। त्योहारी सीजन के दौरान यह मूल्य वृद्धि और अधिक महसूस की जा सकती है।

विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक नई फसल बाजार में नहीं आती, तब तक घरेलू कीमतें ऊंची बनी रह सकती हैं। केशब कुमार हल्दर, HVL के प्रबंध निदेशक, ने कहा, “चावल की वैश्विक मांग इतनी अधिक है कि घरेलू बाजार में कीमतों में गिरावट की फिलहाल कोई संभावना नहीं दिख रही।” उदाहरण के तौर पर, गोल्डन चावल की कीमत ₹35 प्रति किलो से बढ़कर ₹41 प्रति किलो हो गई है, जो खासकर अफ्रीका और अन्य छोटे देशों में निर्यात किया जाता है।

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बासमती चावल की चमक ( Rice Price Today )

बासमती चावल के निर्यात में भारत ने वित्तीय वर्ष 2024 में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। भारत ने 5.83 अरब डॉलर के मूल्य का 52.4 लाख टन सुगंधित चावल निर्यात किया, जिसमें वैश्विक सुगंधित चावल बाजार में 80 प्रतिशत हिस्सेदारी भारत की है।

बासमती चावल की लोकप्रियता और उच्च कीमत इसका प्रमुख आकर्षण है, और यह पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों में बड़े पैमाने पर उगाया जाता है। इसका निर्यात भारत की कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

Ishwar Singh

खेती-किसानी से जुड़े हर पहलू को समझने और समझाने का जज़्बा लिए, ईश्वर सिंह ने "किसान की आवाज़" प्लेटफॉर्म को जन्म दिया। यहां आपको कृषि, पशुपालन, किसानों की समस्याओं और समाधानों, साथ ही कृषि से जुड़ी ताज़ा खबरों का खज़ाना मिलेगा।

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