Rice Price Today : बसमती धान में कितनी आई तेज़ी, क्या है आज का ताज़ा मंडी भाव किसान साथियों, वर्तमान में धान की खेती से जुड़ी समस्याएं खत्म होती नहीं दिख रही हैं। एक तरफ बासमती धान के दाम लगातार गिर रहे हैं, तो दूसरी तरफ गैर-बासमती धान की खरीद में भी संकट बरकरार है। निर्यात प्रतिबंध के कारण घरेलू बाजार में चावल की अत्यधिक आपूर्ति हो चुकी है। FCI के गोदाम पहले से ही भरे हुए हैं, जिससे नया चावल रखने की जगह नहीं मिल पा रही। पिछले सीजन में चावल मिलों को हुए घाटे की भरपाई के लिए मिलर्स ने इस साल हड़ताल कर रखी है, जिससे मंडियों में धान का उठान रुक गया है। इस संकट से न केवल किसान, बल्कि आढ़ती और व्यापारी भी परेशान हैं।
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हालांकि, सरकार ने कुछ अच्छे निर्णय लिए हैं, जिससे बासमती धान के बाजार में थोड़ी तेजी आई थी, लेकिन यह ज्यादा दिन टिक नहीं पाई। अब, जल्द ही 1121, 1718, 1401, 1885, PB1 और 1886 जैसी किस्में बाजार में आने वाली हैं। बासमती 1509, 1692 और 1847 जैसी किस्मों के कमजोर भाव देखकर किसान उच्च वैरायटी की किस्मों के भाव को लेकर भी चिंतित हैं।
ताज़ा बाज़ार अपडेट Rice Price Today
फिलहाल मंडियों में 1509, 1692, सुपर 52 और 1847 जैसी किस्मों के नए धान आ रहे हैं। पिछले साल की तुलना में इस साल धान के भाव ₹800 से ₹1000 तक कमजोर चल रहे हैं। कुछ मंडियों में शनिवार और रविवार को 1509 धान के टॉप रेट इस प्रकार थे।
- कैथल मंडी: ₹3000
- नजफगढ़ मंडी: ₹2990
- निगधू मंडी: ₹2990
- पूंडरी मंडी: ₹2964
- रतिया मंडी: ₹2945
- सफीदों मंडी: ₹2899
पिछले साल इसी समय के मुकाबले इन मंडियों में 1509 धान का भाव लगभग ₹500 से ₹700 तक ज्यादा था। उदाहरण के लिए, फतेहाबाद मंडी में पिछले साल ₹3580, कोटकपूरा में ₹3575, और रतिया मंडी में ₹3531 था।
बासमती धान के फंडामेंटल Rice Price Today
पिछले साल बासमती धान के भाव ऐतिहासिक रूप से ऊंचे चले गए थे, जिसमें पंजाब की मंडियों में धान ₹5500 तक पहुंच गया था। हालांकि, हूती संगठन के हमलों के कारण बासमती निर्यात प्रभावित हुआ और व्यापारी महंगे भाव पर फंस गए। इसके परिणामस्वरूप बासमती धान के भाव धीरे-धीरे गिरने लगे। बासमती 1121 का धान, जो पहले ₹5500 में बिक रहा था, सीजन के अंत तक ₹4200 तक आ गया।
फिलहाल, बासमती के भाव ₹4500 के आसपास स्थिर हैं, और ऐसा माना जा रहा है कि बाजार में जानबूझकर मंदी का माहौल बनाया जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि 1509 के भाव ₹3300 से नीचे नहीं जाने चाहिए, लेकिन व्यापारी और निर्यातक अपने पुराने घाटे की भरपाई के लिए भाव कम कर रहे हैं।
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निर्यात डिमांड में कोई कमी नहीं
वर्ष 2023 के दौरान, कई चुनौतियों के बावजूद, भारत का बासमती चावल निर्यात अच्छी स्थिति में है। अप्रैल से जुलाई 2023 के बीच, बासमती चावल का निर्यात 20% बढ़ा है। भारत ने इस अवधि में 1.9 मिलियन मीट्रिक टन बासमती चावल का निर्यात किया है, जिससे यह साबित होता है कि निर्यात की मांग में कोई कमी नहीं है।