आप सभी किसान साथियों और पशुपालक साथियों का आज की इस पोस्ट में स्वागत है | अगर आप मुर्गी पालन ( Polutry Farming ) करते हैं तो आपको अपनी मुर्गियों को बीमारी से बचाने के लिए उनके खानपान और शेड में बदलाव करना पड़ेगा | अगर पोलट्री एक्सपर्ट्स की माने तो पोलट्री बर्ड्स बहुत ज्यादा सेंसिटिव होते हैं | इसलिए आपको केवल गर्मी, सर्दी और बरसात का ही नहीं बल्कि उनके खानपान और उनकी शेड व्यवस्था पर भी ध्यान देना चाहिए |
अगर आप इन चीज़ों में लापरवाही करेंगे तो इसका सीधा असर उनकी प्रोडक्शन पर पड़ेगा और कई कई दिनो तक मुर्गी अंडे ही नहीं देगी | फ़िलहाल बरसात का मौसम चल रहा है और बरसात के मौसम में संक्रमण केवल मनुष्यों को ही नहीं बल्कि पशु और पक्षियों को भी प्रभावित करता है | मुर्गे और मुर्गियों में तो बिमारियों का खतरा बरसात के दिनों में बहुत ज्यादा बना रहता है | मौसम में बदलाव के कारण जैसा की आप देख ही रहे हैं पहले गर्मी होती है और दूसरे ही पल बारिश शुरू हो जाती है | ऐसे में मुर्गियों में बीमारी का खतरा बहुत ज्यादा होता है |
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साथियों आपको शेड मैनेजमेंट पर भी पूरा ध्यान देना चाहिए | अगर हम मौसम पर जाएं तो गर्मी में रात एक बजे से सुबह पांच बजे तक दाना देना चाहिए | ये वो वक्त होता है जब मौसम में हल्की सी ठंडक होती है और ऐसे वक्त मुर्गियों को फीड करने से उनकी ग्रोथ में भी तेजी आती है | इसलिए पोल्ट्री में अच्छा प्रोडक्शन यानि अंडे-चिकन चाहिए तो सबसे जरूरी फीड मैनेजमेंट सही तरीके से बनाना होगा | जब मुर्ग्रे-मुर्गियां सही वक्त पर अच्छी क्वालिटी का फीड खाएंगे तो प्रोडक्शन भी अच्छा ही होगा |
मुर्गी पालन ( Polutry Farming ) बरसात में कैसा होना चाहिए मुर्गियों का शेड
पशुपालक साथियों साइंटिस्ट डॉ. गौतम के मुताबिक गर्मी और बरसात के दौरान शेड मैनेजमेंट बहुत जरूरी है | क्योंकि किसी भी बीमारी का इलाज या उसकी रोकथाम में दवाई और वैक्सीन 30 से 40 फीसद ही असर करती है | लेकिन शेड मैनेजमेंट इससे कहीं ज्यादा कारगर साबित होता है | अगर आप ब्रॉयलर (चिकन) और लेयर (अंडे) के केज में हवा का इंतजाम ठीक से रखते हैं तो आधे से ज्यादा बीमारियां तो वैसे ही खत्म हो जाती हैं | इसलिए ये जरूरी है कि जब शेड बनवाएं तो यह भी ध्यान दें कि शेड की दिशा उत्तर और दक्षिण की तरफ रखनी चाहिए |
अगर पूर्व और पश्चिम में शेड बनेगा तो सुबह की भी धूप आएगी और जब सूरज डूबने लगेगा तो शाम की धूप भी आएगी | इससे धूप सीधी शेड के अंदर ही आएगी | जिसके चलते मुर्गियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा | इसलिए शेड कंस्ट्रक्शन कराते वक्त ये जरूरी है कि शेड के अंदर फैन (पंखा) भी लगाना बेहद जरूरी है | फिर चाहें एग्जॉस्ट फैन, वेंटीलेशन फैन हो या फिर कूलिंग फैन लगवाया हो |
वैक्सीन के साथ साथ बूस्टर भी शामिल करें
- साइंटिस्ट डॉ. गौतम का कहना है कि पोल्ट्री फार्म में जितना ध्यान फीडिंग पर देना चाहिए उतना ही मुर्गियों के हेल्थ मैनेजमेंट पर भी देना चाहिए | कई बार बीमारियों की वजह से प्रोडक्शन कमजोर पड़ जाता है | इसलिए वक्त से मुर्गियों का वैक्सीनेशन कराना भी बहुत जरूरी है | लेकिन वैक्सीनेशन कराने के दौरान भी कई खास बातों का ख्यान रखना चाहिए जैसे अगर वैक्सीनेशन कराया गया है तो इसकी जांच जरूर कर लें कि वैक्सीनेशन के बाद मुर्गियों में एंटीबॉडी आई है या नहीं दूसरा ये कि मुर्गियों की क्षमता बढ़ाने के लिए मार्केट में मौजूद कई तरह के इम्यूनिटी बूस्टर टीके मौजूद हैं |
- इसलिए जब टीका लगवाएं तो इम्यूनिटी बूस्टर वैक्सीनेशन के साथ जरूर शामिल कर लें | जिससे मुर्गियों की इम्युनिटी और अच्छी हो जाए | खासतौर से गर्मी-बरसात के इस साथ मौसम में वैक्सीनेशन के लिए जरूरी है कि वो रात आठ बजे या फिर सुबह चार बजे कराया जाए | कई बार एक-एक मुर्गी को पकड़कर उसके वैक्सीन लगाना बहुत मुश्किल होता है | इसी परेशानी को देखते हुए बाजार में कई तरह के पीने के लिए सीरप और टैबलेट मिलती हैं | इन दोनों में से किसी एक को पोल्ट्री फार्म के ड्रिंकिंग वॉटर सिस्टम में मिलाया जा सकता है |
पशुओं का हरा चारा यहाँ उपलब्ध है :- Kisan Napier Farm
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