गन्ने की खेती से किसान कर सकते हैं मोटी कमाई  

अब किसान गन्ने की खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं | अब ये मुनाफा कैसे कमाया जाए इसकी पूरी जानकारी आपको हमारी वेबसाइट पर मिलेगी | 

जब गन्ना किसान गन्ने की बुवाई कर रहे हों तो रोग-मुक्त नर्सरी से बीज लेना चाहिए | रोपण से पहले प्रत्येक बीज सेट की सावधानीपूर्वक जांच करनी चाहिए | संक्रमित बीजों का प्रयोग न करें, कार्बेन्डाजिम के एक लीटर पानी में 2 ग्राम कार्बेन्डाजिम और एसिटिक एसिड 2 ग्राम मिलाकर घोल बनाकर इसमें 30 मिनट तक गन्ने के बीज को डुबोकर रखें और फिर बुवाई करें | यह रसायन पेड़ों के चारों तरफ एक परत बना देते हैं जिससे कीट मर जाते हैं और जमाव भी बढ़ जाता है |

देखिये दोस्तों डॉ. राजेंद्र प्रसाद सेंट्रल एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, पूसा समस्तीपुर के प्लांट पैथालॉजी के हेड और आईसीएआर -एआईसीआरपी (फल) परियोजना के प्रधान अन्वेषक डॉ. एस.के सिंह का कहना है कि कल्चर तकनीक से तैयार केले के पौधे स्वस्थ होते हैं और इनमें रोग भी नहीं होते हैं साथ ही इसमें फलों का आकार, प्रकार और गुणवत्ता भी समान ही होती है | टिश्यू कल्चर से तैयार केले के पौधों में फलन लगभग 60 दिन पहले ही हो जाता है | इसमें किसान साथियों पहली फसल 12-14 माह में मिलती है, जबकि पारंपरिक पौधों में 15-16 माह लग जाते हैं और कल्चर तकनीक से तैयार किये गए पौधों की औसत उपज 30-35 किलोग्राम प्रति पौधा तक भी हो सकती है | देखिये वैज्ञानिक विधि से खेती करके 60 से 70 किलोग्राम के घौद प्राप्त किए जा सकते हैं | पहली फसल के बाद दूसरी फसल (रैटून) 8-10 माह में आ जाती है, तो इस प्रकार 24-25 माह में दो फसलें ली जा सकती हैं | इन कल्चर किस्मों की खेती करने से समय और धन दोनों की बचत होती है, जिससे लाभ का दायरा भी बढ़ जाता है |