सभी किसान साथियों का आज की इस पोस्ट में स्वागत है | किसान साथियों बोहोत सारे किसानों का सवाल रहता है की कपास में गुलाबी सुंडी की रोकथाम pink bollworm in cotton के लिए क्या करें ? आज की इस पोस्ट में हम आपको बताएँगे की कपास में गुलाबी सुंडी pink bollworm in cotton की रोकथाम के लिए क्या करें ?
यह भी पढ़ें :- सिवानी मंडी के ताजा भाव
- दोस्तों जिन किसान भाईयों ने अपने खेतों में बीटी नरमा की लकड़ियों को भंडारित करके रखा है या उनके खेतों के आसपास कपास की जिनिंग से तेल निकालने वाली मिल लगती है उन किसानों को अपने खेतों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि इन किसानों के खेतों में गुलाबी सुण्डी का प्रभाव अधिक होता है। इसलिए आप अपने खेतों का ध्यान रखें |
- दोस्तों गुलाबी सुण्डी वीटी नरमे के दो बीजों (बिनौले) को जोड़कर या भंडारित लकड़ियों में निवास करती है इसलिए लकड़ी व बिनौलों का भण्डारण आपको सावधानीपूर्वक करना है।
- किसान साथियों बीटी नरमे की लकड़ियों से निकलने वाली गुलाबी सुण्डी के पतंगों को रोकने के लिए अप्रैल महीने से भंडारित लकड़ियों को पॉलिथीन सीट / मच्छरदानी से ढके।
- दोस्तों आपको फसल की शुरूआती अवस्था में गुलाबी सुण्डी से प्रभावित नीचे गिरें रोजेटी फूल, फूल डोडी व टिण्डों आदि को एकत्रित कर नष्ट कर दें।
- किसान साथियों अन्तिम चुगाई के बाद खेत में बचें अधखुले व खराब टिण्डों को नष्ट करने के लिए खेत में भेंड, बकरी आदि जानवरों को अवश्य चराए।
- दोस्तों बीटी नरमे की लकड़ियों को छाया व खेत में बिलकुल भी इकट्ठा ना करें। लकड़ियों को काट कर जमीन में मिला दें।
- किसान साथियों गुलाबी सुण्डी से प्रभावित क्षेत्रों से नये क्षेत्र में बीटी नरमे की छट्टियों / लकड़ियों का नहीं ले जाना चाहिए।
कपास में गुलाबी सुंडी की रोकथाम
दोस्तों कपास की फसल की बिजाई के 40 से 50 दिन के बाद आप दो फेरोमोन ट्रैप प्रति एकड़ लगाएं तथा इनमें 5-8 पंतगे प्रति ट्रैप लगातार तीन दिन तक आने पर। बीटी नरमा के पौधे पर लगे हुए 100 फूलों में से 5-10 फूल गुलाब की तरह बंद ( रोजेटी फूल) दिखाई देने पर आप 20 हरे टिण्डों ( 10-15 दिन पुराने बड़े आकार के टिण्डे) को खोलने पर 1-2 टिण्डों में सफेद या गुलाबी लार्वा (सुण्डी) दिखाई देने पर।
कपास की फसल 60 दिन की होने तक
दोस्तों नीम का तेल (5 मि.ली.) + एन. एस. के. ई. 5 प्रतिशत (50 मि.ली.)+ कपड़े धोने का पाउडर (1 ग्राम) प्रति लीटर पानी के हिसाब से घोल बनाकर छिड़काव करें या नीम आधारित कीटनाशक 5 मि.ली. प्रति लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।
कपास की फसल 61-120 दिन की होने के बाद
किसान साथियों प्रोफेनोफास 50 ई.सी. 500-800 मि.ली. या ईमामेक्टिन बेंजोएट 5 एस. जी. 100 ग्राम या क्लोरोपायरीफास 20 ई.सी. 500 मि.ली. या क्यूनालफास 20 ए.एफ. 500-900 मि.ली. या थीयोडीकार्ब 75 डब्ल्यू.पी. 225-400 ग्राम या इण्डोक्साकार्ब 14.5 ई.सी. 200 मि.ली. को 150-200 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति एकड़ छिड़काव करें।
कपास की फसल 121-150 दिन की होने के बाद
किसान साथियों इथियोन 20 ई.सी. 800 मि.ली. या फैनवेलरेट 20 ई.सी. 100-200 मि.ली. या साइप्रमेथरीन 10 ई.सी. 200-250 मि.ली. या साइप्रमेथरीन 25 ई.सी. 80-100 मि.ली. या लेम्डा सायलोथिन 5 ई.सी. 200 मि.ली. या डेल्टामेथिन 2.8 ई.सी. 100-200 मि.ली. या अल्फामेथ्रिन 10 ई.सी. 100-125 मि.ली. या फेनप्रोपेथिन 10 ई.सी. 300 मि.ली. को 175-200 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति एकड़ छिड़काव करें।
गुलाबी सुंडी की रोकथाम के लिए कीटनाशक
आइये दोस्तों अब आपको बताते हैं गुलाबी सुंडी pink bollworm in cotton की रोकथाम के लिए कीटनाशक | ऊपर वर्णित कीटनाशक केन्द्रीय कपास अनुसंधान संस्थान, नागपुर, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना व स्वामी केशवानन्द राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर में से किसी एक या एक अधिक संस्थान द्वारा अनुमोदित किये गये हैं।
नोट : स्प्रे बारीक फुंआरे से करें तथा एक ही कीटनाशक का छिड़काव बार-बार न दोहराएं और स्प्रे के दौरान ज्यादा कीटनाशकों के मिश्रण का उपयोग न करें।
दोस्तों ये थी कपास में गुलाबी सुंडी pink bollworm in cotton की रोकथाम के उपाय | उम्मीद करते हैं आपको आज की ये जानकारी पसंद आयी होगी | अगर आपको आज की ये जानकारी पसंद आयी तो इसे शेयर जरूर कर दें | क्योंकि इसी तरह की जानकारी हम हर रोज़ हमारी इस वेबसाइट पर अपलोड करते रहते हैं |
पशुओं का हरा चारा यहाँ उपलब्ध है :- Kisan Napier Farm